Headline
राज्यपाल ने नेत्र रोग जागरूकता गोष्ठी एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
राज्यपाल ने नेत्र रोग जागरूकता गोष्ठी एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन की सराहना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन की सराहना
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
सीईओ बीकेटीसी के निर्देश पर संस्कृत विद्यालय कमेड़ा के छात्र-छात्राओं ने किया श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों एवं औली का शैक्षिक भ्रमण
सीईओ बीकेटीसी के निर्देश पर संस्कृत विद्यालय कमेड़ा के छात्र-छात्राओं ने किया श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों एवं औली का शैक्षिक भ्रमण
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की शिष्टाचार भेंट
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री धामी से विधायक मदन कौशिक ने की शिष्टाचार भेंट, हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री धामी से विधायक मदन कौशिक ने की शिष्टाचार भेंट, हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री धामी से बॉलीवुड की अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री धामी से बॉलीवुड की अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक

दावे भी तो ऐसे

दावे भी तो ऐसे
Spread the love

यह धारणा बनी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अंग्रेजी के अक्षर की शक्ल हासिल कर ली है। एसबीआई की इस रिपोर्ट का मकसद इसी धारणा को तोडऩा मालूम पड़ता है। इसके लिए कई हवाई तर्क इसमें शामिल किए गए हैँ।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट ऐसे दावे किए हैं, जिनकी तुलना सिर्फ हवा में उड़ाए गए गुब्बारों से की जा सकती है। एसबीआई का दावा है कि भारत में हाल के सालों में आर्थिक असमानता घटी है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि हर क्षेत्र में खुशहाली का आलम है। एसबीआई ने असमानता का अनुमान लगाने के लिए आयकर डेटा का इस्तेमाल किया है। और इन आंकड़ों के आधार पर सारे देश की माली हालत का अंदाजा लगा लिया गया है। जबकि देश में केवल आठ करोड़ लोग आयकर रिटर्न फाइल करते हैं। उनमें से भी चार करोड़ शून्य रिटर्न फाइल करते हैं- यानी वे एक पैसा इनकम टैक्स नहीं देते। तो बहुत कम लोग ऐसे हैं, जो वास्तव में इनकम टैक्स दे रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या भारत की कुल आबादी में सिर्फ लगभग दो फीसदी बैठती है। एसबीआई के विशेषज्ञों ने सिर्फ उनके आधार पर आर्थिक गैर-बराबरी के घटने का दावा कर दिया गया है।

जबकि इनकम टैक्स डेटा के आधार पर आर्थिक गैर-बराबरी के बारे में शायद ही कुछ कहा जा सकता है। इसलिए कि यह डेटा कुल आबादी के बहुत छोटे हिस्से से संबंधित है। पहली बात तो इनसे धनी लोगों की ब्लैक मनी से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिलती। दूसरी तरफ आबादी के लगभग 95 प्रतिशत हिस्से के बारे में इनसे कोई सूचना नहीं मिलती। कुल आबादी की आमदनी और उपभोग के आंकड़ों के आधार पर हुए कई हालिया अध्ययनों से देश में लगातार बढ़ती जा रही विषमता की पुष्टि हुई है। उनके आधार पर ही यह धारणा बनी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अंग्रेजी के अक्षर की शक्ल हासिल कर ली है। एसबीआई की इस रिपोर्ट का मकसद इसी धारणा को तोडऩा मालूम पड़ता है। इसके लिए कई हवाई तर्क इसमें शामिल किए गए हैँ। मसलन, एमएसएमई (सूक्ष्म- लघु- मध्यम उद्यम) क्षेत्र में कारोबार इसलिए घटा है, क्योंकि वैसी कंपनियां ब्रांड चेन के माध्यम से बड़ी कंपनियां में बदल गईं हैं। और यह कि कि लोग ग्रामीण इलाकों में दोपहिया वाहनों को छोडक़र कार खरीद रहे हैं, इसलिए दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top