Headline
सीईओ बीकेटीसी के निर्देश पर संस्कृत विद्यालय कमेड़ा के छात्र-छात्राओं ने किया श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों एवं औली का शैक्षिक भ्रमण
सीईओ बीकेटीसी के निर्देश पर संस्कृत विद्यालय कमेड़ा के छात्र-छात्राओं ने किया श्री बदरीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों एवं औली का शैक्षिक भ्रमण
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की शिष्टाचार भेंट
पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री धामी से विधायक मदन कौशिक ने की शिष्टाचार भेंट, हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री धामी से विधायक मदन कौशिक ने की शिष्टाचार भेंट, हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री धामी से बॉलीवुड की अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री धामी से बॉलीवुड की अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने की शिष्टाचार भेंट
मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023’ का किया विमोचन
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023’ का किया विमोचन
धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे के चेतुलधार के पास हुआ भारी भूस्खलन
धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे के चेतुलधार के पास हुआ भारी भूस्खलन
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ पोखरी मेला
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ पोखरी मेला

सर्दियों में बारिश नहीं होने से किसानों की बढ़ी टेंशन, उत्तराखंड में सूखे जैसे हालात 

सर्दियों में बारिश नहीं होने से किसानों की बढ़ी टेंशन, उत्तराखंड में सूखे जैसे हालात 
Spread the love

देहरादून। जनवरी बीतने को है लेकिन इंद्र देव मेहरबान नहीं हुए हैं। इस वजह से सूखे के हालात पैदा हो गए हैं। सूखे के नुकसान का आंकलन करने की जिम्मेदारी तीन विभागों को दी गई है। उत्तराखंड के कई पर्वतीय जिलों में सूखे जैसे हालत से किसान भी परेशान हैं।
चम्पावत में बीते चार माह में महज 17.50 एमएम बारिश हुई है। सूखे से गेहूं, मसूर और सरसों सूखने के कगार पर है। चम्पावत में बीते चार माह में महज 17.5 एमएम बारिश हुई है। इससे सूखे के हालात पैदा हो गए हैं।

जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अक्तूबर में 15.50, नवंबर, दिसंबर और जनवरी में अब तक शून्य एमएम बारिश हुई है। बारिश नहीं होने से गेहूं, मसूर और सरसों की खेती पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा खेत में उगी सब्जियों को भी नुकसान पहुंच रहा है। इससे किसानों की चिंता भी बढ़ रही है। जिले में करीब 1700 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, मसूर और सरसों खेती की जाती है।

चम्पावत में बीते चार वर्ष के दौरान अंतिम माह में कम बारिश हुई है। जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 के आखिरी तीन महीने अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर में 27 एमएम बारिश हुई। 2019 में 19 एमएम, वर्ष 2020 में महज एक एमएम बारिश हुई। इसके अलावा वर्ष 2021 में अक्तूबर में 501 एमएम, नवंबर में शून्य, दिसंबर में छह एमएम बारिश दर्ज की गई। वर्ष 2022 में अक्टूबर में 210, नवंबर में चार और दिसंबर में शून्य बारिश हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top