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होली पर रसायन युक्त रंगों के इस्तेमाल से होते हैं ये नुकसान, जानें बचाव के तरीके

होली पर रसायन युक्त रंगों के इस्तेमाल से होते हैं ये नुकसान, जानें बचाव के तरीके
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पहले के समय में फूलों या इनसे बने रंगों से होली मनाई जाती थी, लेकिन अब धड़ल्ले से रासायनिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।आमतौर पर होली के रंगों में लेड ऑक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड, कॉपर, सल्फेट, सीसा और एल्युमीनियम ब्रोमाइड जैसे रसायन होते हैं।ये रसायन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जिस कारण आपको डॉक्टरों और अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।आइए जानते हैं कि रसायन युक्त रंगों से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं।

त्वचा एलर्जी
रासायनिक रंगों से त्वचा पर चकत्ते, खुजली, जलन और लालिमा जैसी एलर्जी की समस्याएं हो सकती हैं।इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप त्योहार की शुरुआत करने से पहले अपने चेहरे को साफ करके तेल लगाएं।यह न सिर्फ त्वचा को मॉइस्चराइज करेगा, बल्कि इससे त्वचा पर रंगों का किसी तरह का बुरा असर भी नहीं पड़ेगा।लाभ के लिए होली खेलने से 15 मिनट पहले चेहरे पर नारियल, जैतून, सरसों या फिर बादाम का तेल लगाएं।

आंखों की समस्याएं
रासायनिक रंगों के सीधे संपर्क से आंखों में जलन, लालिमा और अस्थायी अंधापन तक आ सकता है।होली पर आंखों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि रंगों से खेलते समय चश्मा पहनें। यह आपकी आंखों को रंगों के सीधे संपर्क से बचाएगा और आपको स्टाइलिश लुक भी मिलेगा।हालांकि, हम चाहे कितनी भी सावधानी क्यों न बरत लें, थोड़ा-बहुत रंग तो आंखों में चला ही जाता है। अगर ऐसा हो तो तुरंत आंखों को पानी से धोएं।

श्वसन संबंधी दिक्कतें
होली समारोह के दौरान रासायनिक रंगों के बारीक कण हवा में फैल जाते हैं, जिससे खांसी, छींक और सांस लेने में कठिनाई जैसी श्वसन समस्याएं हो सकती हैं और अस्थमा का खतरा भी बढ़ सकता है।खासतौर से गर्भवती महिलाओं को श्वसन संबंधी संवेदनशीलता में वृद्धि का अनुभव हो सकता है।इससे बचाव के लिए अच्छा है कि आप फूलों से बने रंगों से होली खेलें।यहां जानिए घर पर होली के रंग बनाने के तरीके।

विषाक्तता
होली के रासायनिक रंगों में सीसा, पारा, क्रोमियम और अमोनिया जैसे खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल भी किया जाता है।अगर आप होली खेलते समय ऐसे रंगों को गलती से निगल लेते हैं या ये त्वचा में अवशोषित हो जाते हैं तो शरीर में विषाक्तता बढ़ सकती है।इससे शरीर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में भी आ सकता है। ये गर्भवती महिलाओं और उनके विकासशील भ्रूण के लिए भी खतरनाक है।

बेजान और रूखे बाल
रंगों में मौजूद रसायन स्कैल्प की नमी को नुकसान पहुंचाने, दानों को उभारने और हल्के बाल जैसी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं।इससे बचाव के लिए होली खेलने से कुछ मिनट पहले सिर पर अच्छे से तेल लगाएं। इसके अतिरिक्त अगर आप रंगों को अपने सिर के बीच के हिस्सों में जाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने से रोकना चाहते हैं तो बालों को खुला रखने से बचें।यहां जानिए रसायनिक रंगों से बालों को सुरक्षित रखने के अन्य तरीके।

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